मेरे अंगना में इक वारी आ ,साँवरिया नंद नंदना,
घर मेरे आओगे तो मिश्री खिलाऊंगी
घर मेरे आओगे तो माखन खिलाऊंगी
पेड़ा बर्फी मैं दूंगी मंगा साँवरिया नंद नंदना
मेरे अंगना में . . . . .
काली कमलिया लायी दूंगी मैं
मौर मुकुट मंगवाए दूंगी मैं
पीला पटका में दूंगी सिला साँवरिया नंद नंदना
मेरे अंगना . ... .
राधा जी की संग लेकर आना
मैं नाचूँ तुम मुरली बजाना
मेरे अंगना में ठुमका लगा
सावरिया नंद नंदना
मेरे अंगना. . ..
लाये दूंगी हरे बांस की पोरी
लाये दूंगी नूपुर की जोड़ी
मेरा मन मधुप पे रिझा साँवरिया नंद नंदना
मेरे अंगना . . . ..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें