हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे ।
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी,
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी ।
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे ।
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ॥
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